उत्तराखंड पहुंचे स्वीडन के राजा-रानी, हरिद्वार में किया हाईब्रिड एम्यूनिटि एसटीपी का लोकार्पण
स्वीडन के 16 वें नरेश कार्ल गुस्ताफ और रानी सिल्विया आज उत्तराखंड के दौरे पर पहुंचे हैं। प्रोटोकॉल मंत्री डा. धनसिंह रावत ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया। इसके बाद वे ऋषिकेश के रामझूला पर भ्रमण के लिए गए। यहां पर वे रामझूला पुल पर पैदल चलकर नाव घाट पहुंचे। इस दौरान उन्होंने पुल पर कुछ देर रुककर मां गंगा की मनोहर छटा निहारी। 
 

यहां पर उन्होंने नागपुर से आई महिला पुरोहित दया व्याघ्र ने पूजा अनुष्ठान कराया। करीब आधे घंटे धार्मिक अनुष्ठान के बाद राजा और रानी पर्यावरण कार्यकर्ता रिद्धिमा पांडेय व उनकी सहयोगी बालिकाओं से बात की। राजा ने बच्चों से गंगा स्वक्षता और पर्यावरण संरक्षण पर हो रहे प्रयासों के बारे में करीब 15 मिनट वार्ता की। इसके बाद वे हरिद्वार के लिए रवाना हो गए। 

हरिद्वार के सराय में नमामि गंगे योजना से नवनिर्मित देश के पहले हाईब्रिड एम्यूनिटि एसटीपी का लोकार्पण  किया। राजा कार्ल गुस्ताफ ने कहा कि यह एसटीपी (सीवर ट्रीटमेंट प्लांट) बहुत महत्वपूर्ण और बेस्ट प्रोजेक्ट है। लोकार्पण के बाद राजा-रानी ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ पूरे संयंत्र का निरीक्षण किया और देखा कि किस तरह से गंदे पानी को ट्रीटमेंट के बाद साफ किया जा रहा है। 

नमामि गंगे योजना के अंतर्गत हरिद्वार के सराय में हाईब्रिड एम्यूनिटि वित्तीय मॉडल पर आधारित 14 एमएलडी क्षमता का सीवेज शोधन संयंत्र बनाया गया है। संयंत्र ने काफी समय पहले काम करना शुरू कर दिया था, लेकिन इसका विधिवत लोकार्पण नहीं हुआ था। स्वीडन के राजा और रानी ने लोकार्पण समारोह के बाद नमामि गंगे और पर्यटन विभाग की ओर से लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। राजा ने कार्ल गुस्ताफ ने पूरे प्रोजेक्ट की सराहना की। 

42 प्रतिशत आबादी की आवश्यकताएं पूरी कर रही गंगा : शेखावत 
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि गंगा देश की 42 प्रतिशत आबादी की आवश्यकताओं की पूर्ति कर रही है। नमामी गंगे प्रोजेक्ट से गंगा के रखरखाव कर पुनजीर्वित करने का काम किया है। उन्होंने बताया कि 1144.37 करोड़ रुपये की लागत से 165.50 एमएलडी के 34 एसटीपी में 23 के काम पूरे हो चुके हैं। सभी के काम करने के बाद गंगा का प्रदूषण काफी कम हो जाएगा। उन्होंने बताया कि इस 14 एमएलडी के एसटीपी को पीपीपी मोड पर चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्वीडन देश में वेस्टेज का सबसे अधिक उपयोग किया है। 


सिंगल यूज प्लास्टिक बैन होने से भी साफ होगी गंगा 



मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तय समय में संयंत्र को बनाने और संचालित करने लिए संबंधित विभागों की सराहना की। उन्होंने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद से गंगा स्वच्छता एवं राष्ट्रीय जल संसाधनों के सुदृढ़ीकरण के लिए ठोस कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रतिबंधित होना भी गंगा की स्वच्छता और निर्मलता को बढ़ाएगा।

उन्होंने कहा कि संयंत्र से शोधित जल सिंचाई के काम आएगा और रासायनिक पदार्थों की आवश्यकता कृषकों को नहीं होगी। यह जल सिंचाई के साथ-साथ फसल को जैविक खाद्य की तरह पोषित करेगा।

नेशनल मिशन फोर क्लीन गंगा के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्र ने नमामि गंगे परियोजना के तहत किए जा रहे कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत की। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, विधायक सुरेश राठौर, आदेश चौहान, मेयर अनीता शर्मा, सराय के ग्राम प्रधान शकील अहमद अंसारी, शिखर पालीवाल, गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, परियोजना प्रबंधक आरके जैन, भारतीय राजदूत मोनिका कपिल, स्वीडन के राजदूत डॉ. माजा फियास्ता, क्लास मोलिन आदि मौजूद रहे। 

हरिद्वार में 127 एमएलडी एसटीपी का प्लान
नमामि गंगे के निदेशक रोजी अग्रवाल ने बताया कि हरिद्वार में 127 एमएलडी एसटीपी का प्लान है। सराय के बाद जगजीतपुर में बन रहे 34 एमएलडी के एसटीपी का शुभारंभ कर दिया जाएगा। इसी के साथ प्रदेश में 23 एसटीपी पूरे हो चुके हैं, जबकि अन्य 6 महीने में पूरे हो जाएंगे।

उन्होंने बताया कि प्रदेश में 192 करोड़ रुपये के 21 घाट और 20 श्मशान घाट तैयार कराकर चालू कर दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि हरिद्वार में नमामि गंगे से 60 करोड़ रुपये से 50 लाख पौधे लगवाएं हैं और 72 घाटों की सफाई का कार्य जारी है।  




कार्बेट की प्राकृतिक छटा से अभिभूत हुए शाही दंपति



स्वीडन के शाही दंपति 16वें नरेश कार्ल गुस्ताफ और रानी सिल्विया लैंसडौन वन प्रभाग और कार्बेट के जंगलों की प्राकृतिक छटा से अभिभूत नजर आए। शाही दंपति बृहस्पतिवार को कार्बेट नेशनल पार्क की सैर को गढ़वाल के प्रवेश द्वार कोटद्वार पहुंचे। यहां शाही दंपति का जोरदार स्वागत किया गया।

 कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शाही दंपति निर्धारित समय पर अपराह्न तीन बजे कोटद्वार पहुंचे। लैंसडौन वन प्रभाग के पनियाली गेस्ट हाउस में प्रशासन और वन विभाग के अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। शाही दंपति ने यहां स्वीडिश भोजन किया और कॉफी पी। गेस्टहाउस से बाहर आकर उन्होंने कार्बेट नेशनल पार्क के डायरेक्टर राहुल से कार्बेट के इतिहास और वहां की विशेषताओं की जानकारी ली।

इसके बाद राजा-रानी कोटद्वार से पाखरो होते हुए कार्बेट पार्क के लिए रवाना हो गए। इस दौरान जिलाधिकारी धीराज गर्ब्याल, सीडीओ हिमांशु खुराना, एसएसपी दिलीप कुंवर, एडीएम डा. एसके बरनवाल, कालागढ़ टाइगर रिजर्व के डीएफओ पुनीत तोमर, लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ इंद्रेश उपाध्याय और एसडीएम कोटद्वार योगेश मेहरा उपस्थित थे। वन अधिकारियों ने बताया कि कोटद्वार से पाखरो और कालागढ़ जाते समय कार्बेट के जंगलों के प्राकृतिक नजारों को देखकर शाही दंपति खुश नजर आए। 




वीवीआईपी की सुरक्षा में लगी गढ़वाल के तीन जिलों की पुलिस 



शाही दंपति की सुरक्षा को लेकर कोटद्वार में पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिले की पुलिस को तैनात किया गया था। कोटद्वार के कौड़िया से लेकर पनियाली गेस्ट हाउस और पाखरो तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मी तैनात थे। कोतवाली पुलिस के अनुसार सुरक्षा में छह सीओ, 70 एसआई, 140 पुरुष कांस्टेबल, 65 महिला कांस्टेबल और पीएससी की तीन प्लाटूनों को तैनात किया गया था। राजा और रानी के आगमन के समय कोटद्वार की सभी सड़कों को जीरो जोन बनाया गया था। 

शाही दंपति के स्वागत में शहर में लगेे होर्डिंग और बैनर 
कोटद्वार शहर में नगर निगम, पुलिस, प्रशासन और वन विभाग द्वारा हिंदी, अंग्रेजी और स्वीडिश भाषा में शादी दंपति के स्वागत के बैनर लगाए गए थे। नगर निगम ने कौड़िया और बदरीनाथ मार्ग पर, पुलिस और वन विभाग ने बदरीनाथ मार्ग और पनियाली गेस्ट हाउस में स्वागत के बैनर और होर्डिंग लगाए। 
.
राजा-रानी की झलक पाने को सड़क पर उमड़े लोग 
स्वीडन के राजा और रानी के कोटद्वार पहुंचने की खबर मिलते ही शहर के लोग कौड़िया से सिद्धबली तक सड़क के दोनों ओर उनकी एक झलक पाने को बेताब दिखे। तीन बजे जैसे ही राजा-रानी का काफिला कोटद्वार के मुख्य मार्गों से गुजरा, लोगों ने ताली बजाकर और हाथ हिलाकर उनका स्वागत किया। राजा-रानी ने भी लोगों के उत्साह को देखते हुए अपनी कार से हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया।